12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान

12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान

भारत एक आध्यात्मिक भूमि है, और भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंग इस देश की धार्मिक विविधता और आस्था का प्रतीक हैं। इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का महत्व इतना अधिक है कि हर शिवभक्त का सपना होता है कि वह जीवन में एक बार इन पवित्र स्थलों की यात्रा करे। आइए अब जानते हैं 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान के बारे में विस्तार से।

1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग – गुजरात

Somnath Jyotirlinga

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं, अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। शिव पुराण के अनुसार जब चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने क्षय रोग होने का श्राप दिया था तब चंद्रमा ने इसी स्थान पर इस श्राप से मुक्ति पाई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी। इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से धन और शान्ति की प्राप्ति होती है। भारत में इस स्थान का बहुत धार्मिक महत्व है।

कैसे पहुँचें: निकटतम रेलवे स्टेशन वेरावल है और निकटतम हवाई अड्डा दीव है।
बेस्ट टाइम: अक्टूबर से मार्च।

2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग – आंध्र प्रदेश

Mallikarjuna Jyotirlinga

भगवान शिव के ज्योतिर्लिंगों में दक्षिण भारत के श्रीशैलम भी शामिल हैं। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के सामान कहा गया है। एक पौराणिक कथा के अनुसार जहाँ पर यह ज्योतिर्लिंग है उस पर्वत पर आकर शिव की पूजा करने से व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ सामान पुण्य फल प्राप्त होता है। इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।

कैसे पहुँचें: कर्नूल से करीब 180 किलोमीटर दूर स्थित है। हैदराबाद से बस और टैक्सी मिलती हैं।

बेस्ट टाइम: नवंबर से फरवरी।

3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग – मध्य प्रदेश

Mahakaleshwar Jyotirlinga night view

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश की राजधानी उज्जैन नगरी में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग की विशेषता है की यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। उज्जैनवासी मानते है कि भगवान महाकालेश्वर ही उनके राजा है और वही उज्जैन की रक्षा करते है। इस ज्योतिर्लिंग से व्यक्ति की आयु पर आये हुए संकट टल जाते हैं। यहाँ महाकाल की भस्म आरती अत्यंत प्रसिद्ध है। उज्जैन नगरी को भगवान शिव का नगर माना जाता है।

कैसे पहुँचें: उज्जैन रेलवे स्टेशन से 2 किमी दूरी पर। निकटतम एयरपोर्ट इंदौर है।
बेस्ट टाइम: सावन महीना और महाशिवरात्रि विशेष समय होता है।

4. ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग – मध्य प्रदेश

Omkareshwar Jyotirlinga aerial view

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शहर इंदौर के समीप स्थित है। जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ओम का आकार बनता है। ऐसा माना जाता है कि ओम शब्द की उत्पत्ति ब्रह्मा के मुख से हुई है। इसलिए किसी भी धार्मिक शास्त्र या वेदों का पाठ ओम के साथ ही किया जाता है। यह ज्योतिर्लिंग ओमकार अर्थात ओम का आकार लिए हुए हैं। इस कारण इसे ओमकारेश्वर नाम से जाना जाता है। इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मनोकामना पूर्ण होती है।

कैसे पहुँचें: इंदौर से लगभग 80 किमी की दूरी पर स्थित है।
बेस्ट टाइम: अक्टूबर से मार्च।

5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग – उत्तराखंड

Kedarnath Jyotirlinga

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग भी भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में आता है। यह उत्तराखंड के रुद्रपयाग जिले में स्थित है। केदारनाथ का वर्णन स्कन्द पुराण और शिव पुराण में भी मिलता है। यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। पौराणिक कथा के अनुसार, पांडव महाभारत के यूद्ध में विजयी होने पर कुरुक्षेत्र में किये गए पापों का और अपने भाइयों की हत्या से मुक्ति के लिए भगवान शिव से आशीर्वाद लेना चाहते थे लेकिन भगवान शिव पांडवो से प्रसन्न नहीं थे इसलिए वे केदारनाथ चले गए। इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से हमें मुक्ति की प्राप्ति होती है। यहाँ पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ती है। 

कैसे पहुँचें: ऋषिकेश से सोनप्रयाग तक बस, फिर गौरीकुंड से पैदल यात्रा।
बेस्ट टाइम: मई से जून और सितंबर से अक्टूबर।

6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग

Bhimashankar Jyotirlinga

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के विषय में मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा से इस मंदिर के दर्शन करता है उसको समस्त दुःखो से छुटकारा मिल जाता है।

कैसे पहुँचें: पुणे से लगभग 110 किमी की दूरी पर है।
बेस्ट टाइम: मानसून और सर्दियों का मौसम उपयुक्त है।

7. काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग– उत्तर प्रदेश

Kashi Vishwanath Jyotirlinga

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। काशी की भूमि का हिंदू धर्म में एक अलग ही महत्त्व है। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस भूमि पर मरता है उसे जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से छुटकारा मिल जाता है। इस ज्योतिर्लिंग का दर्शन से भय का नाश हो जाता है और अनेक जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं। यह स्थान शिव के प्रिय स्थलों में से एक है। 

कैसे पहुँचें: वाराणसी रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे से मंदिर कुछ ही दूरी पर है।
बेस्ट टाइम: वर्ष भर दर्शन के लिए उपयुक्त।

8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग – महाराष्ट्र

Trimbkeshwar Jyotirlinga

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के करीब महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग के सबसे अधिक निकट ब्रह्मागिरी नाम का पर्वत है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है। कहा जाता है कि भगवान शिव को गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के आग्रह पर यहां ज्योतिर्लिंग के रूप में रहना पड़ा था। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में तीन छोटे-छोटे शिवलिंग पाए जाते हैं जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश के नाम से भी पूजा जाता है। इस ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने से व्यक्ति के सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

कैसे पहुँचें: नासिक से लगभग 30 किमी दूर स्थित है।
बेस्ट टाइम: अगस्त से फरवरी।

9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग – झारखंड

Baidyanath Jyotirlinga

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड राज्य के देवघर में स्थित है इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं तथा व्यक्ति को उसके रोगों से भी मुक्ति मिलती है। इस शिवलिंग को कामना लिंग के नाम से भी जाना जाता है।यहाँ भगवान शिव ने रावण के आग्रह पर स्वयं को प्रकट किया था। 

कैसे पहुँचें: जसीडीह रेलवे स्टेशन पास में है।
बेस्ट टाइम: श्रावण मास और शिवरात्रि।

10. नागेश्वर ज्योतिर्लिंग – गुजरात

Nageshwar Jyotirlinga

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारका स्थान में स्थित है। धर्म शास्त्रों में भगवान शिव नागों के देवता हैं और नागेश्वर का पूर्ण अर्थ नागों का ईश्वर है। भगवान शिव का एक अन्य नाम नागेश्वर भी है। द्वारकापुरी से भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 17 किमी है। इस ज्योतिर्लिंग की महिमा में कहा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यहां दर्शनों के लिए आता है, उसके सारे पाप नष्ट हो जाते है। यहाँ शिव की विशाल प्रतिमा भी दर्शनीय है।

कैसे पहुँचें: द्वारका से 17 किमी की दूरी पर स्थित है।
बेस्ट टाइम: अक्टूबर से मार्च।

11. रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग – तमिलनाडु

Rameshwaram Jyotirlinga

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में होने के साथ-साथ यह हिंदुओं के चार धामों में भी एक है। इस ज्योतिर्लिंग के विषय में यह मानता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान श्री राम ने की थी। भगवान राम के द्वारा स्थापित होने के कारण इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है। इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से व्यक्ति को ब्रह्म हत्या जैसे पापों से मुक्ति मिलती है।

कैसे पहुँचें: मदुरै और रामेश्वरम रेलवे स्टेशन से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
बेस्ट टाइम: नवंबर से मार्च।

12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग – महाराष्ट्र

Ghrishneshwar Jyotirlinga

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य में औरंगाबाद जिले के वेलूर में स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से व्यक्ति को समृद्धि की प्राप्ति होती है। ज्योतिर्लिंग  की महत्ता भारतीय संस्कृति और धार्मिकता में बहुत गहरी जड़ें रखती है, और ये स्थान लाखों भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बने हुए हैं। इस मंदिर की वास्तुकला अत्यंत मनोहारी है और यहाँ की शांत वातावरण भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव देता है।

कैसे पहुँचें: एलोरा गुफाओं के पास स्थित यह मंदिर औरंगाबाद से 30 किमी की दूरी पर है।

बेस्ट टाइम: सितंबर से फरवरी।

निष्कर्ष:

भारत के 12 ज्योतिर्लिंग न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन स्थलों की यात्रा हर शिवभक्त के लिए जीवन में एक विशेष अनुभव होती है।

अगर आप भी 12 ज्योतिर्लिंग के नाम और स्थान को जानने के साथ-साथ दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो अपने यात्रा अनुभव को और भी रोचक और जानकारीपूर्ण बनाने के लिए www.wanderindia.in के साथ जुड़ें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :-

1. 12 ज्योतिर्लिंग क्या हैं?

12 ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के पवित्र स्थान हैं जहां शिवलिंग के रूप में शिव की पूजा की जाती है। इन्हें हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है।

2. 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन से क्या लाभ होता है?

दर्शन से पापों का नाश, मानसिक शांति, और मुक्ति की प्राप्ति होती है। यह शिव भक्तों के लिए अत्यधिक शुभ है।

3. 12 ज्योतिर्लिंग में से सबसे प्रसिद्ध कौन सा है?

काशी विश्वनाथ और सोमनाथ ज्योतिर्लिंग सबसे प्रसिद्ध हैं और इनका अत्यधिक धार्मिक महत्व है।

4. क्या 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा करना संभव है?

हां, श्रद्धालु एक यात्रा के रूप में सभी 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकते हैं। कई यात्रा एजेंसियां यह सेवा देती हैं।

5. क्या इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है?

हां, इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति की मान्यता है और पापों का नाश होता है।.

6. 12 ज्योतिर्लिंगों में से कौन सा सबसे पुराना है?

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग सबसे पुराना और पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है।

7. क्या 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए विशेष समय होता है?

शिवरात्रि और श्रावण माह में इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।

8. क्या 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा अकेले की जा सकती है?

हां, आप अकेले भी 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा कर सकते हैं, लेकिन यात्रा के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।

9. क्या 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने के लिए कोई विशेष पूजा विधि है?

हर ज्योतिर्लिंग की पूजा विधि अलग होती है, लेकिन सभी जगह शिवलिंग पर जल अर्पण और मंत्रों का जाप किया जाता है।

10. 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के बाद क्या करना चाहिए?

दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को शिव की पूजा करनी चाहिए और ध्यान एवं साधना से अपने जीवन में शांति लानी चाहिए।

9 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *