मथुरा और वृंदावन, भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि और लीलास्थली हैं, जहाँ हर कदम भक्ति से सराबोर है। 2 दिन में मथुरा वृंदावन कैसे घूमें, अगर आपके पास सीमित समय है, तो इस गाइड में हम आपको एक ऐसा आदर्श यात्रा प्लान बताएंगे जिससे आप सभी प्रमुख मंदिरों और स्थलों के दर्शन समय पर कर सकें और एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करें।
2 दिन में मथुरा वृंदावन कैसे घूमें - Day 1
1. श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर

श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा का सबसे पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कारागार में हुआ था। यह वही स्थान माना जाता है जहाँ कंस ने देवकी और वासुदेव को बंदी बनाकर रखा था, और जहाँ श्रीकृष्ण ने आधी रात को जन्म लिया। जन्मभूमि मंदिर परिसर में स्थित “कारागार कक्ष” को आज भी उसी रूप में संरक्षित किया गया है, जिससे भक्त उस ऐतिहासिक क्षण को महसूस कर सकें। मंदिर के परिसर में एक मानव-निर्मित गुफ़ा का निर्माण कराया गया है जिसके अंदर ढेरों मूर्तियाँ है और इसमें लाइट एंड साउंड इफेक्ट्स का सही इस्तेमाल किया गया है। गुफ़ा में जाने के लिए आपको बगल के ही काउंटर से 10 रूपये का टिकट लेना होगा। मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े नियम होते हैं, इसलिए आपको अपना कैमरा और मोबाइल बाहर ही रखना होगा। यहाँ आपको सुबह में आना चाहिये जिससे आपको इस मंदिर की भव्यता, चिड़ियों की चहचहाट, सुबह की आरती तथा शांतिपूर्ण माहौल मिल सके।
समय: 06:00 AM – 12:30 PM, 04:00 PM – 08:30 PM
2. रमण रेती

रमण रेती वह पवित्र स्थान है जहाँ भगवान कृष्ण बालक रूप में रेत पर खेला करते थे। यहाँ का वातावरण बहुत शांतिपूर्ण और ध्यान करने के लिए उपयुक्त है। यहीं पर श्री कृष्ण ने अपनी बांसुरी बजाकर गोपियों को आकर्षित किया था। जब आप रमन रेती जायेंगे तो देखेंगे की अभी भी लोग उस रेत में लोट रहे हैं जिससे उनकी कृष्ण भक्ति का भाव झलकता है। मंदिर परिसर के बाहर हिरणों का झुंड निवास करता है जहाँ आप जाकर उनको दाना खिला सकते हैं। रमण रेती बहुत ही आकर्षक जगह है जहाँ आपको एक बार जरूर जाना चाहिए।
समय: 05:30 AM – 12:00 PM, 04:00 PM – 08:30 PM
3. द्वारिकाधीश मंदिर

द्वारिकाधीश मंदिर मथुरा का एक प्रमुख मंदिर है जहाँ भगवान कृष्ण के द्वारिकाधीश रूप की पूजा की जाती है। मंदिर का स्थापत्य और नक्काशी बेहद खूबसूरत है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण के साथ राधा जी की मूर्ति भी स्थित है। यह मंदिर विश्राम घाट के समीप है। यहाँ की भव्यता और सजावट भक्तों को विशेष अनुभव प्रदान करती है।
समय: 06:30 AM – 11:00 AM, 04:00 PM – 07:30 PM
4. कंस किला

कंस किला वह किला है जिसे भगवान कृष्ण के मामा कंस ने बनवाया था। इस किले से भगवान कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया था। यह किला यमुना नदी के किनारे स्थित है और आज भी इसके खंडहर उस समय की कई रहस्यमयी कहानियाँ सुनाते हैं। यह मंदिर विश्राम घाट के समीप है।अब यह किला खंडहर हो चूका है फिर भी अगर आपके पास समय है तो आपको यहाँ जाना चाहिये।
समय: 06:00 AM – 12:30 PM, 04:00 PM – 08:30 PM
5. विश्राम घाट और बोटिंग

विश्राम घाट यमुना नदी के किनारे स्थित है, जहाँ भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध करने के बाद विश्राम किया था। यहाँ का वातावरण बेहद शांतिपूर्ण होता है। यहाँ के शांत जल में बोटिंग का अनुभव बहुत ही अद्भुत होता है, और सूर्यास्त के समय यहाँ का दृश्य और भी शानदार होता है। आप यहाँ यमुना आरती का भी हिस्सा बन सकते हैं, जो एक अद्भुत धार्मिक अनुभव है। बोटिंग की कीमत 50-100 रुपये है जिसमे आपको एक चक्कर घूमने को मिलता है। बोटिंग करते समय आपको घाट का बहुत ही सुन्दर दृश्य देखने को मिलता है।
समय: पूरे दिन खुला रहता है।
मथुरा और वृंदावन के बीच का सफर लगभग 20-25 मिनट का होता है। आप मथुरा के प्रमुख दर्शनों के बाद वृंदावन के लिए कैब या ऑटो ले सकते हैं।
6. निधिवन

निधिवन एक रहस्यमयी और पवित्र स्थान है। यह माना जाता है कि रात्रि के समय यहाँ भगवान श्री कृष्ण और राधा जी रास रचाते हैं। यह स्थान अत्यंत रहस्यमयी माना जाता है और यहाँ के वातावरण में एक अनोखी दिव्यता है। निधिवन के बारे में कहा जाता है की यहाँ जो पेड़ है वो रात्रि में गोपियों बन जाती है और भगवान श्रीकृष्ण के साथ रासलीला रचाती हैं। इस परिसर में छोटे-छोटे मंदिर भी है जो आप निधिवन घूमने के दौरान दर्शन करेंगे। रात के समय यहाँ कोई भी नहीं रुक सकता है, लेकिन दिन के समय यहाँ की शांतिपूर्ण वातावरण में ध्यान और पूजा की जा सकती है।
समय: 08:00 AM – 11:00 AM, 05:30 PM – 07:30 PM
7. राधा रमण मंदिर

राधा रमण मंदिर वृंदावन के सबसे प्राचीन और दिव्य मंदिरों में से एक है, जहाँ स्वयं भगवान कृष्ण की स्वरूपमयी मूर्ति विराजमान है। यह मूर्ति शालिग्राम शिला से स्वयं प्रकट हुई मानी जाती है, जो इसे और भी विशेष बनाती है। मंदिर का वातावरण अत्यंत शांत और भक्तिमय होता है, जहाँ हर दिन श्रद्धालु भजन और कीर्तन के माध्यम से श्रीहरि की आराधना करते हैं।
समय: 09:00 AM – 12:30 PM, 05:30 PM – 09:00 PM
8. बांके बिहारी मंदिर

बांके बिहारी मंदिर वृंदावन का एक महत्वपूर्ण मंदिर है जहाँ आपको हमेशा भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। “बांके” का अर्थ है टेढ़ा और “बिहारी” का अर्थ है रास रचाने वाले, इसलिए भगवान का स्वरूप यहाँ त्रिभंगी मुद्रा में विराजमान है – सिर, कमर और पैर तीनों झुके हुए। यहाँ भक्त भगवान की एक झलक पाने के लिए पूरी श्रद्धा और भक्ति से आते हैं। इस मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति बहुत ही आकर्षक है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ भगवान के दर्शन पर्दे के माध्यम से किए जाते हैं, जो हर कुछ क्षणों में खोला और बंद किया जाता है। यह मान्यता है कि श्रीकृष्ण की दृष्टि इतनी मोहक है कि भक्त उन्हें लगातार देख न सकें।
समय: 07:30 AM – 12:30 PM, 05:30 PM – 09:30 PM
9. राधा वल्लभ मंदिर

राधा वल्लभ मंदिर वृंदावन का एक अत्यंत भक्तिमय और ऐतिहासिक मंदिर है, जो राधा-कृष्ण भक्ति की अनोखी परंपरा को दर्शाता है। यह मंदिर राधा वल्लभ संप्रदाय का प्रमुख केंद्र है, जिसकी स्थापना हिता हरिवंश महाप्रभु ने की थी। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहाँ भगवान श्रीकृष्ण की सुंदर मूर्ति विराजमान है, लेकिन श्रीराधा की मूर्ति नहीं है। उनकी उपस्थिति एक गुलाबी घाघरा और चुनरी के रूप में दर्शाई जाती है, जो भक्तों के हृदय में राधारानी की भावमयी छवि को जीवित रखती है।मंदिर का वातावरण अत्यंत शांत, गूढ़ और भक्ति से भरपूर होता है। यहाँ कीर्तन और भजनों की मधुर ध्वनि मन को आत्मिक शांति प्रदान करती है। मंदिर के पुजारी पारंपरिक विधि से सेवा करते हैं और राधा-वल्लभ जी का श्रृंगार बेहद सुंदर व आकर्षक होता है।
समय: 06:00 AM – 12:00 PM, 06:00 PM – 09:00 PM
ये सारे मंदिर और जगह घूमते-घूमते आपका पहला दिन निकल जायेगा। इन सब मंदिरों के दर्शन पश्चात आप अपने होटल जायें, खाये-पीये और जल्दी सोने की कोशिश करें। Day 2 में हमलोग बरसाना, चार-धाम, प्रेम मंदिर और इस्कॉन मंदिर घूमेंगे।
2 दिन में मथुरा वृंदावन कैसे घूमें - Day 2
10. श्री राधा रानी मंदिर (बरसाना)

बरसाना स्थित श्री राधा रानी मंदिर, जिसे राधा जी का जन्मस्थान माना जाता है, राधा-कृष्ण भक्ति के प्रेम से ओतप्रोत सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यह मंदिर बरसाना की मुख्य पहाड़ी — लाडली जी की टेकरी — पर स्थित है, और यहाँ पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। लेकिन जैसे-जैसे आप ऊपर चढ़ते हैं, मन भक्तिभाव में लीन होता जाता है और पहाड़ी से दिखाई देने वाला बरसाना का मनोरम दृश्य आपकी थकान मिटा देता है। यहाँ राधा रानी की मूर्ति अत्यंत सुंदर और श्रृंगारयुक्त रूप में विराजमान है। भक्तजन यहाँ राधारानी को ‘लाडली जी’ के नाम से पुकारते हैं, जो उनकी बालस्वरूप में की जाने वाली पूजा का संकेत है।
समय: 05:00 AM – 12:00 PM, 04:00 PM – 09:00 PM
11. पीली पोखर

पीली पोखर बरसाना का एक महत्वपूर्ण स्थल है जहाँ राधा जी अपनी सखियों के साथ खेला करती थीं। ऐसी मान्यता है कि श्री राधा रानी ने इस कुंड में अपने मेहँदी वाले हाथ धोये थे जिस कारण इस कुंड का पानी पीला दिखाई पड़ता है। यहाँ का जल पीला दिखाई देता है, जिससे इसे पीली पोखर कहा जाता है। यह एक पवित्र जल कुंड है और यहाँ भक्त पूजा और स्नान करते हैं। श्रद्धालु अक्सर राधा रानी मंदिर के दर्शन के बाद यहाँ आते हैं, और पोखर के जल से आचमन कर अपने दिन को पावन करते हैं।
समय: पूरे दिन खुला रहता है
12. कीर्ति मंदिर

बरसाना में स्थित कीर्ति मंदिर एक अनोखा और दुर्लभ मंदिर है, जो राधा रानी की माता श्रीमती कीर्ति देवी को समर्पित है। यह मंदिर राधा रानी के जन्म की स्मृति को जीवित रखने के उद्देश्य से बनाया गया है, और यही इसे वृंदावन-बरसाना क्षेत्र के अन्य मंदिरों से विशेष बनाता है। यह मंदिर श्रद्धा, मातृत्व और दिव्यता का प्रतीक है, जहाँ माँ कीर्ति के साथ राधा रानी की भी बालरूप में अत्यंत सुंदर मूर्ति स्थापित है। यह वह स्थान है जहाँ श्रद्धालु राधा रानी के बाल्यकाल की कल्पना करते हुए उनकी माताजी की पूजा करते हैं और माँ के आशीर्वाद से जीवन में सुख, शांति और प्रेम की प्राप्ति की कामना करते हैं।
समय: 08:30 AM – 12:00 PM, 04:00 PM – 08:30 PM
13. चार धाम (वृंदावन लौटते समय)

चार धाम वृंदावन में एक अद्भुत स्थल है जहाँ चार प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल (वैष्णो देवी धाम, शनि धाम, शिव धाम, और राधे- कृष्ण धाम) के स्वरूप स्थापित किए गए हैं। यह स्थल खासकर उन भक्तों के लिए है जो चारों धामों के दर्शन एक ही स्थान पर करना चाहते हैं। इस परिसर में भगवान शिव और माता दुर्गा की भव्य और विशाल मूर्ति स्थापित है। साथ में ही यहाँ आपको गुफ़ा के अंदर देवी दुर्गा की नौ रूपों को भी दर्शाया गया है जो देखने में काफी मनमोहक प्रतीत होता है। यहाँ के वातावरण में शांति और भक्ति का अहसास होता है।
समय: पूरे दिन खुला रहता है
14. प्रेम मंदिर

प्रेम मंदिर वृंदावन का एक शानदार और भव्य मंदिर है, जो अपनी लाइटिंग और रात्रिकालीन शो के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ राधा और कृष्ण के लीलाओं का प्रदर्शन अत्यंत सुंदर रूप से किया जाता है। मंदिर का दृश्य रात को बेहद आकर्षक होता है, और यह भक्तों को प्रेम और भक्ति के भावों में डूबने का अनुभव कराता है। यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है जिसे देखने के लिए लोग भारत के अनेक जगहों से आते है। मंदिर का दृश्य रात्रि को अत्यधिक मनमोहक दिखाई पड़ता है। मंदिर परिसर में मोबाइल की अनुमति है जिसके कारण यहाँ लोग अपनी तस्वीरें खींच पाते है।
समय: 08:00 AM – 12:30 PM, 04:00 PM – 08:00 PM
15. इस्कॉन मंदिर

इस्कॉन मंदिर वृंदावन का प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर को कृष्ण-बलराम मंदिर भी कहा जाता है। सुबह-शाम की आरती और भजन संध्या यहाँ की सबसे खास बात होती है, जो हर भक्त को भक्ति के रस में डुबो देती है। इस मंदिर को देखने के लिए विदेशी पर्यटक भी आते है। यहाँ भगवान श्री कृष्ण की पूजा के साथ-साथ भव्य आरतियाँ होती हैं, जो भक्तों को एक अद्भुत भक्ति अनुभव देती हैं। मंदिर का वातावरण बहुत शांतिपूर्ण होता है और यहाँ की सजावट भी भक्तों को आकर्षित करती है। इस मंदिर में उपस्थित होने से एक आंतरिक शांति और दिव्यता का अहसास होता है।
समय: 04:30 AM – 12:45 PM, 04:30 PM – 08:00 PM
Day 2 में आप इन सभी मंदिरों के दर्शन करते है और इस तरह आपका दूसरा दिन भी समाप्त होता है। इसके बाद आप अपने घर के लिए प्रस्थान कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण FAQs – मथुरा वृंदावन यात्रा
1. क्या 2 दिन में मथुरा वृंदावन घूमना संभव है?
हाँ, सही प्लानिंग से आप प्रमुख स्थल देख सकते हैं।
2. कौन सा समय यात्रा के लिए सबसे अच्छा है?
अक्टूबर से मार्च तक का समय सबसे उपयुक्त है।
3. क्या मंदिरों में कैमरा ले जा सकते हैं?
अधिकांश मंदिरों में कैमरा ले जाने की अनुमति है।
4. बोटिंग कहाँ कर सकते हैं?
मथुरा के विश्राम घाट पर दिनभर बोटिंग उपलब्ध रहती है।
5. वृंदावन में कौन सा मंदिर सबसे प्रसिद्ध है?
बांके बिहारी मंदिर और प्रेम मंदिर प्रमुख मंदिर हैं।